Koo : डेटा लीक विवाद और चीनी निवेश सहित कई विवादों के बीच होमग्रोन, वर्नाकुलर माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म Koo लोगों के बीच अपनी तगड़ी पैठ बना रहा है. ट्विटर को छोड़ने की चाहत रखने वाले यूजर्स इस प्लेटफॉर्म को खूब पसंद कर रहे हैं.
Koo के डेटा लीक का मामला ऐसे समय सामने आया है, जब यह प्लेटफॉर्म यूजर्स के बीच काफी पॉपुलर हो रहा है. माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म द्वारा डेटा लीक के मामले को एक फ्रांसीसी सुरक्षा शोधकर्ता ने उजागर किया है. शोधकर्ता इलियट एल्डरसन ने गुरुवार को दावा किया कि यह प्लेटफॉर्म उपयोगकर्ता के डेटा को लीक कर रहा था, जिसमें जन्मतिथि, वैवाहिक स्थिति वगैरह शामिल है.
एल्डर्सन ने कहा, “आपने ऐसा किया तो मैंने ऐसा किया. मैंने इस नए Koo ऐप पर 30 मिनट बिताए. ऐप उनके यूजर्स के व्यक्तिगत डेटा को लीक कर रहा है : ईमेल, डीओबी, नाम, वैवाहिक स्थिति, लिंग वगैरह.” उन्होंने एक यूजर के डेटा का स्क्रीन शॉट भी पोस्ट किया था.
Koo के सह-संस्थापक और सीईओ अप्रमेय राधाकृष्ण ने हालांकि इस बात से इनकार किया कि कोई डेटा लीक नहीं हुआ था. राधाकृष्ण ने एक ट्वीट में कहा, “डेटा लीक के बारे में कुछ बातें अनावश्यक रूप से बोली जा रही हैं. कृपया इसे पढ़ें : दिखाई देने वाला डेटा कुछ ऐसा है, जिसे यूजर्स ने स्वेच्छा से Koo पर अपनी प्रोफाइल में दिखाया है. इसे डेटा लीक नहीं कहा जा सकता. यदि आप किसी यूजर्स की प्रोफाइल पर जाते हैं तो आप इसे देख सकते हैं.”
पहले आधार प्लेटफॉर्म और आरोग्य सेतु ऐप में कथित खामियों को उजागर करने वाले एल्डर्सन ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “अपडेट : Koo के संस्थापक ने लीक वाली टिप्पणी की. यह झूठ है. मैंने ट्वीट करने से पहले इस बिंदु की जांच की और यह सच नहीं था.”
एक और विवाद जो इस प्लेटफॉर्म से टकराया है, वह है चीन से निवेश का मुद्दा, क्योंकि प्लेटफॉर्म खुद को ‘आत्मनिर्भर ऐप’ के रूप में पेश करता है. हालांकि, Koo के सीईओ ने स्पष्ट किया कि चीनी निवेशक, जिसने पहले ब्रांड वोकल में निवेश किया था, इससे बाहर हो रहा है.
राधाकृष्ण ने कहा, “Koo भारतीय संस्थापकों की भारत में पंजीकृत एक कंपनी है. इसने ढाई साल पहले की पूंजी जुटाई थी.” Koo ने इस महीने की शुरुआत में घोषणा की कि उसने अपनी सीरीज ‘ए फंडिंग’ के हिस्से के रूप में 41 लाख डॉलर जुटाए हैं.